शेष भूमिका निभाने को ही है, स्व विवेक और खुद बुद्धि आपकी। शेष भूमिका निभाने को ही है, स्व विवेक और खुद बुद्धि आपकी।
हाहाकार मचा धरा, नहीं जल-उपवन-अन्न शेष; क्यूँ तू प्रलय लाने तुला, धरा क्यूँ मनु दानव भेस... हाहाकार मचा धरा, नहीं जल-उपवन-अन्न शेष; क्यूँ तू प्रलय लाने तुला, धरा क्यूँ मनु...
न आराध्य की आराधना में हिय विलीन स्व-मंथना में।। न आराध्य की आराधना में हिय विलीन स्व-मंथना में।।
क्यों भटक कर हम राहों में अच्छाइयों को है भुलाते। क्यों भटक कर हम राहों में अच्छाइयों को है भुलाते।
सफलता प्राप्त होने की खुशी मनाना अच्छा लगता है असफल होने पर किसी अपनों का हौसला मिल... सफलता प्राप्त होने की खुशी मनाना अच्छा लगता है असफल होने पर किसी अप...
जीवन में भी कभी-कभी आते हैं ऐसे तूफान विवेक से परे हो जाते लम्हे गिर जाते सोच के महल ढह ... जीवन में भी कभी-कभी आते हैं ऐसे तूफान विवेक से परे हो जाते लम्हे गिर जा...